विश्व के टॉप 100 विद्वानों में शीर्ष पर

  • कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्युयार्क, अमेरीका ने स्थापना वर्ष 1754, के 250 वर्ष (1754 से 2004) पूरे होने पर वर्ष 2004 में से, ऐसे 100 को कोलंबियन्स अहेड ऑफ देअर टाईम, (शॉर्टेड लीस्ट ऑफ नोटेबल पर्सन) नामक अपने सर्वेक्षण में अपने सौ ऐसे विद्वान छात्रों की एक लिस्ट जारी की, जिन्होंने दुनिया में महान कार्य किये और जो अपने-अपने क्षेत्र में महान एवं अद्वितीय रहे, जिसमें एक मात्र भारतीय बाबासाहेब डॉ॰ भीमराव अंबेडकर शामील थे। 

  • इस सूची की खास बात यह हैं इस में अमेरिका के 3 राष्ट्रपति सहित विश्व के 6 अलग-अलग देशों के राष्ट्राध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री, 40 नोबेल पुरस्कार विजेताओं, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के पहले न्यायाधीश सहित 8 अन्य सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, 22 से अधिक अमेरिकी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शामिल हैं I इसके अलावे इस सूची में कई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, विश्व के सर्वाधिक धनवान व्यक्ति वॉरेन बफे एवं कई दार्शनिक तथा विद्वान शामिल हैं I सूची में जो तीन अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, उनमें थॉडोर रूजवलेल्ट, फ्रेंकलिन रूजवेल्ट और डोविट एसनहॉवर सहित जर्जिया के राष्ट्रपति मिखैल साकाश्वीली और इथोपिया के राष्ट्रपति थॉमस हेनडिक, इटली के प्रधानमंत्री गियूलिनो अमाटो, अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री अब्दुल जहीर, चीन के प्रधानमंत्री तंगशोयी और पोलैंड के प्रधानमंत्री भी शामिल हैं I कोलंबिया विश्वविद्यालय ने एक स्मारक बनाया है जिस पर इन 100 महान विद्वान विभूतियों के नाम लिखे गये।
  • इन सभी सम्मानित विभूतियों के नाम को सही क्रम से लगाने के लिए वहां विद्वानों की एक कमेटी बनाई गई। उस कमेटी ने भारतीय संविधान के रचियता बाबासाहेब डॉ॰ बी. आर. अंबेडकर का नाम टॉप 100 में नम्बर वन (प्रथम) पर रखा। इस स्मारक का अनावरण राष्ट्राध्यक्ष एवं नोबेल शांति पुरस्कार विजेता बराक ओबामा ने किया, यह स्मारक कोलंबिया विश्वविद्यालय के केम्पस में शास से खडा है। कोलंबिया विश्वविद्यालय ने बाबासाहेब को आधुनिक भारत के निर्माता, भारत के स्वतंत्रता के लिए लढनेवाले महान स्वतंत्रता सेनानी, भारतीय संविधान निर्माता तथा भारत के करोड़ों शोषित, पिडित, दलित लोगों के मानव अधिकारों के लढनेवाले महान क्रांतिकारक बताकर उनके सम्मान में विश्वविद्यालय में विश्वभर के देशों के संविधानों और कानून की पढाई के उनके नाम से 'डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर अध्यासन' भी स्थापीत किया है। 
  • विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनॅशनल अॅण्ड पब्लिक अफेअर के हॉल में बाबासाहेब की शानदार पेन्टींग गर्व से लगवाई है। डॉ॰ आंबेडकर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय से डबल एम.ए. और पीएच.डी पढाई महज ढाई वर्ष में पुरी कि थी। डॉ॰ अंबेडकर द्वारा सामाजिक न्याय व समता के संबंध में भारतीय दलित समाज को हक दिलाने वाले संविधान निर्माण की उपलब्धि से प्रभावित होकर कोलंबिया विश्वविद्यालय न्यूयार्क, अमेरिका ने जून 1952 में उन्हें 'डॉक्टरेट्' (डॉक्टर ऑफ लॉज्) की मानद उपाधि प्रदान की थी I 'कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढते समय जीवन पहली बार मुझे सामाजित समानता का अनुभव आया' ऐसा बाबासाहेब ने सन 1930 में न्युयार्क टाईम्स को दिये हुए अपने इंटरव्हूव में कहां था।

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